संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता, सुरक्षा के हर मानकों का रखा जाता है ख्याल

 


- सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरूरी, हर माह नौ तारीख को पीएचसी में की जाती है मुफ्त जाँच 

- गर्भावास्था के दौरान योग्य चिकित्सकों से कराएँ जाँच, सुरक्षित और सामान्य प्रसव को मिलेगा बढ़ावा 


खगड़िया, 29 जनवरी।

गर्भधारण के साथ ही गर्भवती महिलाओं के मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं। खासकर हर महिला के मन में सामान्य और सुरक्षित प्रसव की लालसा निश्चित रूप से होती है। किन्तु, थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है। दरअसल, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं। साथ ही सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा बल्कि, मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।


- सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल में उपलब्ध है पर्याप्त सुविधा : 

खगड़िया सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार ने बताया, सुरक्षित प्रसव के लिए पीएचसी एवं जिले के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है।  प्रसव के लिए आने वाली प्रसूता को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले इस बात का विशेष ख्याल भी रखा जाता है। इसके अलावा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एएनएम और आशा अपने-अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। 


- सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरुरी : 

शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाली रक्तस्राव  के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जाँच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता ना सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।   


- हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है मुफ्त जाँच :

सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मुफ्त जाँच की जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है। साथ ही सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमता वर्धन भी किया गया है। गर्भवती महिलाओं की चारो प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती  और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरुरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है। ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ्य रहें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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