एनटीडी दिवस आज: मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताओं का हुआ उन्मुखीकरण



- जिला मलेरिया कार्यालय परिसर में आशा कार्यकर्ताओं को हो रहा प्रशिक्षण 


- मुंगेर के हवेली खड़गपुर और धरहरा क्षेत्र से आई आशा कार्यकर्ताओं को दी जा रही ट्रेनिंग 


मुंगेर, 29 जनवरी-


 नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज  (एनटीडी) डे 30 जनवरी से पूर्व शनिवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला मलेरिया कार्यालय के प्रांगण में राष्टीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताओं के लिए एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यशाला में मुंगेर के मलेरिया प्रभावित हवेली खड़गपुर और धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र अंतर्गत अति मलेरिया प्रभावित स्वास्थ्य उपकेंद्रों के गांवों की लगभग 100 आशा कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता के आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 


जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, राज्य वेक्टर जनित   रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार के द्वारा जारी पत्र के आलोक में मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के गुणवत्तापूर्ण संचालन के लिए जिला के मलेरिया प्रभावित हवेली खड़गपुर और धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत काम करने वाली 100 आशा कार्यकर्ताओं को 50-50 के दो बैच में 28 और 29 जनवरी  को मलेरिया उन्मूलन से जुड़ी तकनीकी पहलुओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उन्मुखीकरण कार्यशाला के पहले दिन  28 जनवरी को हवेली खड़गपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र से 50 आशा कार्यकर्ता और दूसरे दिन 29 जनवरी को हवेली खड़गपुर प्रखण्ड क्षेत्र से 10 और धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र से 40 आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में उनकी भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। 


इस अवसर पर प्रशिक्षक के तौर पर उपस्थित वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा और वेक्टर बोर्न डिजीज कंसलटेंट पंकज कुमार प्रणव ने आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बताया कि मलेरिया एक नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल  डिजीज (एनटीडी) बीमारी है जो मादा एनोफिलीज नामक मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी में रोगी को लंबे समय तक बुखार रह सकता है। इसके साथ ही रोगी  को कई अन्य प्रकार की परेशानियां भी हो सकती है। इससे बचने का उपाय है कि पहले अपने आसपास साफ-सफाई रखें, कहीं भी पानी नहीं जमने दें क्योंकि इन्हीं जगहों पर मादा एनोफिलीज मच्छर पनपता और लोगों में मलेरिया बीमारी को तेजी से प्रसारित करता है। इसके साथ ही सभी लोग सोने के समय मच्छरदानी या मच्छर अगरबत्ती या अन्य साधनों का इस्तेमाल करें। इसके बावजूद मलेरिया बीमारी का लक्षण जैसे तेज बुखार होने पर तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क कर अपना सही इलाज करवाएं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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