-नवगछिया, बिहपुर, नाथनगर और गोराडीह प्रखंड था कालाजार से मुक्त
-अभी जिले के सात प्रखंडों में 13 मरीज, सभी का चल रहा है इलाज
भागलपुर, 8 फरवरी
जिला में कालाजार को लेकर लगातार अच्छी खबर आ रही है। हाल ही में जिले का पांचवां प्रखंड जगदीशपुर भी कालाजार से मुक्त हो गया। अभी तक नवगछिया, बिहपुर, नाथनगर और गोराडीह ही कालाजार से मुक्त हो पाया था। अब इस कड़ी में जगदीशपुर का भी नाम जुड़ गया। हालांकि अगस्त-सितंबर में जगदीशपुर में कालाजार का मरीज मिला था, लेकिन वह दूसरे जिले का रहने वाला था। इसके बावजूद जगदीशपुर में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव कराया गया है। कालाजार को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है, इस वजह से जगदीशपुर में भी छिड़काव कराया गया।
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल कहते हैं कि कालाजार उन्मूलन को लेकर हमलोग लगातार प्रयासरत हैं। लगातार कालाजार प्रभावित प्रखंडों में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव किया जाता है। जिले के पांच प्रखंड अब कालाजार से मुक्त हो गए हैं। अब 11 प्रखंड कालाजार प्रभावित हैं। वहां भी अभियान चलाकर कालाजार को खत्म किया जाएगा। इसे लेकर लगातार प्रयास हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम छिड़काव कर रही है। स्वास्थ्यकर्मी गांवों में नली, नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव समय-समय पर कर रहे हैं। पहले दीवार की छह फीट की ऊंचाई तक छिड़काव किया जाता था, अब पूरी दीवार में छिड़काव कराया जा रहा है।
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: डॉ पटेल ने लोगों से अपील की कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं। साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा गया है।
कालाजार की ऐसे करें पहचान: कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार हफ्ते से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा के परत भी सूख का झड़ते हैं। कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताला या पीएचसी भेजा जाना चाहिए।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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